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दर्दभरी Breakup Shayari in Hindi
मैं तुम्हे भूल जाऊं इतना कमजोर मेरा प्यार नहीं
और दूसरी मोहब्बत कर लूं इतना गिरा हुआ मेरा किरदार नहीं.

हम दोनों ही इश्क़ में धोखा खा गए
मैने तुम्हें औरों से अलग समझा
और तुमने मुझे औरों जैसा समझा.
शेरो शायरी तो दिल बहलाने का जरिया हैं शाहब
लफ्ज़ कागज पर उतारने से महबूब लौटा नहीं करते.

ये मत सोच तेरे काबिल नहीं हम
जा जाकर उनसे पूछ जिन्हें हासिल नहीं हम.
जो कल तक हमारी बहुत फिक्र करते थे
वो आज हमारा हाल भी नहीं पूछते.

अगर आप खुश हैं मुझसे बात न करके
तो हम दुआ करते है आपकी खुशी कभी कम न हो.
किस्मत में न सही मगर दिल में हमेशा रहोगे तुम.

कौन कहता है वक्त बहुत तेज गुजरता है
कभी किसी का इंतेज़ार करके देखो.
तेरी मोहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए हमने
वरना हम तो अपनी जिंदगी के लिए भी दुआ नहीं मांगते.
Sad Breakup Shayari
कांटे तो आने ही थे हमारी किस्मत में
हमने यार जो गुलाब जैसा चुना था.
मिली जो जिंदगी दोबारा तो,
किस्मत की लकीरों में तुझे लिखवाकर ही आएंगे.
चाहत देख कर लगता था कभी बिछड़ेंगे नहीं
नजर ऐसी लगी कि देखना भी नसीब नहीं होता.

अब तेरी शिकायत करे भी तो किस से करे
मैने हर शख़्स को कहा था तुझसे बेहतर कोई नहीं.
तुझे पाकर भी कोई इतनी मोहब्बत नहीं कर पाएगा
जितनी मैने तुम्हें बिना पाए ही की हैं.
हर किसी की जरूरत पर नंगे पांव पहुंचे हम
हमारी बारी में सबके यहां धूप हो गई.
नाराज तुमसे नहीं अपने दिल से हूं
औकात देखी नहीं अपनी और तुझे अपना समझ बैठा.
दिल अमीर था और मुक़द्दर गरीब था
मिलकर बिछड़ना तो हमारा नसीब था
हम चाह कर भी कुछ न कर सके
घर जलता रहा और समन्दर भी करीब था.

जितना तुम्हें किसी ने चाहा भी न होगा
उतना तो हम सिर्फ तुम्हें याद करते हैं.
पाना और खोना तो किस्मत की बात हैं
मगर चाहते रहना तो अपने हाथ में हैं.
हम भी गलत हैं किसी कि कहानी में
कोई तो हमे भी रोज कोसता होगा.
जुनून था किसी के दिल में जिंदा रहने का
नतीजा ये निकला कि हम अपने अंदर ही मर गए.
धोखा न उसने दिया और न मैने
बस हालत ही कुछ ऐसे थे कि अलग होना पड़ा.
हुई हम से नादानी जो तेरे महफिल में आ बैठे
जमीन की खाक होकर आसमान से दिल लगा बैठे.

जरूरी नहीं कि सब कुछ हासिल हो
कुछ लोग न मिलकर भी हमेशा दिल में धड़कते हैं.
अगर समझ पाते तुम मेरी चाहत को
तो हम तुमसे नहीं तुम हमसे मोहब्बत करते.
breakup shayari in hindi
तुम तो समझे ही नहीं मुझे
फिर मैने खुद को ही समझा लिया
हां दिल रोया था बहुत मैने उसको भी मना लिया
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता.

जहां से शुरू किया था सफर फिर वही खड़े हो गए
अजनबी थे लो फिर अजनबी हो गए.
तेरा गुरूर तेरी मोहब्बत से जीत गया
तेरे बिना एक और महीना बीत गया.
जब एक दिन तुम्हें अपने दिल का हाल बताऊंगा
तुम हैरान होकर…. पूछोगी कैसे संभालते हो खुद को.
सफर मोहब्बत का अब खत्म ही समझो
उनकी बातों से जुड़े की महक आने लगी.

मेरी खामोशी बोल ही देगी तलब तेरी है…. फिक्र तेरी है…..
खफा होकर भी कहां जाऊं तुमसे…. ये दिल तेरा हैं… ये जान भी तेरी है…
मैं कैसे समझाऊं दर्द अपना
मैं उतना कह नहीं पाता हूं जितना महसूस करता हूं.
एक बार तुम मेरा हाल भी देख करो
दिल तरसता है हर दिन तुमसे बात करने के लिए.
मैं नहीं कहता कि मेरा हाल पूछा करो
तुम खुद किस हाल में हो बस इतना बता दिया करो.
तू रूठा रूठा सा लगता है तरकीब बता मनाने की
मैं खुद को गिरवी रख दूंगा तू कीमत बता मुस्कुराने की.

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