50+ BEST GULZAR SHAYARI STATUS IN HINDI ON LIFE & LOVE

Heart Touching Gulzar Shayari

नमस्कार,
दोस्तों हम इस लेख में आपके लिए Heart Touching Gulzar Shayari in Hindi लेकर आएं है. गुलज़ार साहब जिनका असली नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है. गज़ल और शायरी को एक अलग पहचान देने वाले गुलज़ार साहब का नाम आज भी नहीं भूले हैं.

जिंदगी ने सवाल बदल दिए
समय ने हालात बदल दिए
हम तो वहीं है यारो पर लोगो
ने अपने ख्याल बदल दिए..!!

वक्त की कसौटी से हर रिश्ता गुजर गया
कुछ निकले खरे सोने से कुछ का पानी उतर गया..!!

Gulzar ki Shayari

सहम सी गयी है ख्वाइशें
ज़रूरतों ने शायद उन से
ऊँची आवाज़ में बात की होगी..!!

हम समझदार इतने की उनका झूठ पकड़ लेते है
और उनके दीवाने भी इतने की फिर भी यकीन कर लेते है..!!

Gulzar ki Shayari

हस्ते रहोगे तो दुनिया साथ है
वरना आंसुओं को तो आंख में भी
जगह नहीं मिलती..!!

सालों बाद मिले वो, गले लगा कर रोने लगे
जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे बहुत मिलेंगे..!!

Gulzar ki Shayari

“एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा..!!“

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता..!!

Gulzar ki Shayari

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सोचता था दर्द की दौलत से एक मै ही मालामाल हूँ
देखा जो गौर से तो हर कोई रईस निकला ..!!

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी..!!

Gulzar ki Shayari

बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है..!!

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूं
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूं..!!

Gulzar ki Shayari

खुद की कीमत गिर जाती है
किसी को कीमती बनाने की चाह में..!!

इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां..!!

Gulzar ki Shayari

gulzar shayari in hindi 2 lines

अच्छी किताबें और अच्छे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते हैं,
उन्हें पढना पड़ता हैं..!!

मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं
जो मैं हूं..!!

Gulzar ki Shayari

बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलों पर चला होगा..!!

बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते
जो बया नहीं होती..!!

अपने साये से चौंक जाते हैं,
उम्र गुजरी है इस क़दर तनहा..!!

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मिलता तो बहुत कुछ है ज़िन्दगी में
बस हम गिनती उन्ही की करते है
जो हासिल न हो सका..!!

गुलाम थे तो हम सब हिंदुस्तानी थे
आज़ादी ने हमें
हिन्दू मुसलमान बना दिया..!!

वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,
उनको तोहफे में एक आईना दीजिए..!!

इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है
जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है..!!

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उसने एक ही बार कहा दोस्त हूं
फिर मैंने कभी नहीं कहा व्यस्त हूं..!!

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं..!!

Gulzar ki Shayari

मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं..!!

मदारी मुझको खुद लगा जब मैं छोटा था तब
खुदा मुझे अब मदारी लगता है…
जब बड़ा होके देखता हूं तमाशे उसके.

दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
दिल में कुछ यूं संभालता हूं ग़म
जैसे ज़ेवर संभालता है कोई.

बेवजह ही तो नहीं होती मुलाकाते अनजानों से
कोई तो अधूरा रिश्ता पूरा होता होगा..!!

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बिछड़ते वक्त मेरे सारे ऐब गिनाए उसने
सोचता हूं जब मिला था तब कौनसा हुनर था
मुझमें..!!

कल रात सारे गम आसमान को सुना दिए मैने,
आज मैं चुप हूं और आसमान बरस रहा है..!!

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मिजाज में थोड़ी सख्ती लाज़मी है साहब
लोग पी जाते अगर समन्दर खाड़ा न होता..!!

बड़े ही खुशनुमा वहम थे
के हम उनकी जिंदगी में अहम थे..!!

Gulzar ki Shayari

नादान है वो, उसे समझाए कोई
बात न करने से मोहब्बत कम नहीं होती..!!

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फासलों का अहसास तब हुआ
जब मैने कहा ठीक हूं और उसने मान लिया..!!

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दर्द की भी अपनी एक अदा है
वो भी सहने वालों पर ही फ़िदा है..!!

लफ्ज़ों के भी जायके होते है
परोसने से पहले चख़ भी लेना चाहिए..!!

Gulzar ki Shayari

सस्ते में लूट लेती है ये दुनिया अक्सर उन्हें
जिन्हें खुद की कीमत का अंदाजा नहीं होता..!!

तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब
आइने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते..!!

दिल की खामोशी पर मत जाओ
राख के नीचे आग दबी होती है..!!

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मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नहीं
बस कोई था जिस से यह उम्मीद नहीं थी..!!

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मेरी फितरत में नहीं था तमाशा करना
बहुत कुछ जानते थे मगर खामोश रहे..!!

लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है
चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है..!!

झूठ कहूं तो लफ्ज़ों का दम घुटता है
सच कहूं तो लोग खफा हो जाते है..!!

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