दुनिया की 20 सबसे लंबी नदियां कौन-सी हैं, जानें

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1. नील नदी (Nile River)

नील नदी (Nile River) दुनिया की सबसे लंबी नदी है, जिसकी लंबाई लगभग 6,650 किलोमीटर है। यह पूर्वी अफ्रीका में विक्टोरिया झील से निकलती है, जो युगांडा, केन्या, और तंजानिया के बीच स्थित है। नील नदी उत्तर की ओर बहते हुए सूडान और मिस्र जैसे देशों से होकर गुजरती है,
नील नदी की दो मुख्य धाराएँ हैं—नीली नील (Blue Nile) जो इथियोपिया से निकलती है, और श्वेत नील (White Nile) जो विक्टोरिया झील से। ये दोनों धाराएँ सूडान के खार्तूम में मिलती हैं और इसके बाद नील नदी कहलाती है। अंत में, यह भूमध्य सागर में गिरती है,

2. अमेज़न नदी (Amazon River)

अमेज़न नदी का उद्गम पेरू के एंडीज पर्वत से होता है और यह पूर्व की ओर बहते हुए अटलांटिक महासागर में जाकर मिलती है. यह पेरू, ब्राजील, कोलंबिया, और अन्य कई देशों से होकर गुजरती है. अमेज़न नदी की लंबाई 6,400 किलोमीटर है और यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नदी है.पानी की मात्रा के हिसाब से अमेज़न नदी दुनिया की सबसे बड़ी नदी है. इसके वर्षावन को दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है.

3. यांग्त्से नदी (Yangtze River)

यांग्त्से नदी को चीनी भाषा में चांग जियांग कहा जाता है. यह एशिया की सबसे लंबी और दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है। इसकी लंबाई लगभग 6,300 किलोमीटर है। यह पूर्वी चीन के तिब्बत पठार से शुरू होकर पूर्वी चीन सागर में जाकर मिलती है. यांग्त्से नदी पर स्थित थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत संयंत्र है.

4. मिसिसिपी-मिसौरी नदी प्रणाली (Mississippi-Missouri River System)

मिसिसिपी-मिसौरी नदी प्रणाली उत्तरी अमेरिका की सबसे लंबी नदी प्रणाली है और इसे दुनिया की चौथी सबसे लंबी नदी प्रणाली माना जाता है। यह प्रणाली संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में फैली हुई है. मिसिसिपी नदी की कुल लंबाई लगभग 3,766 किलोमीटर है और
मिसौरी नदी, जो मिसिसिपी की सबसे लंबी सहायक नदी है, की लंबाई लगभग 3,767 किलोमीटर है. दोनों नदियों को मिलाकर इस प्रणाली की कुल लंबाई 6,275 किलोमीटर हो जाती है, जो इसे दुनिया की चौथी सबसे लंबी नदी प्रणाली बनाती है. मिसिसिपी नदी का उद्गम मिनेसोटा राज्य की इटास्का झील से होता है और यह दक्षिण की ओर बहते हुए मैक्सिको की खाड़ी में जाकर मिलती है. मिसौरी नदी का उद्गम रॉकी पर्वतों से होता है और यह मिसिसिपी नदी में सेंट लुईस, मिसौरी के पास मिलती है.

5. येनिसेई नदी (Yenisei River)

येनिसेई नदी रूस की सबसे महत्वपूर्ण और लंबी नदियों में से एक है, यह नदी साइबेरिया के केंद्र से होकर बहती है और उत्तरी ध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) में मिलती है. येनिसेई नदी की लंबाई लगभग 5,539 किलोमीटर है. येनिसेई नदी का स्रोत मंगोलिया के किनारे से निकलता है और यह उत्तरी दिशा में बहते हुए रूस के क्रास्नोयार्स्क क्षेत्र से गुजरती है। यह अंत में कारा सागर (Kara Sea) में जाकर मिलती है, जो आर्कटिक महासागर का हिस्सा है.

6. ह्वांग हो (Yellow River)

ह्वांग हो जिसे पीली नदी (Yellow River) भी कहा जाता है, चीन की दूसरी सबसे लंबी नदी है. ह्वांग हो नदी की लंबाई लगभग 5,464 किलोमीटर है, और यह तिब्बत के पठार से निकलकर बोहाई सागर में मिलती है जो पूर्वी चीन सागर का हिस्सा है. ह्वांग हो को “चीन की दुखदायी नदी” (China’s Sorrow) भी कहा जाता है, क्योंकि इसके प्रवाह के दौरान बाढ़ का जोखिम अत्यधिक है.

7. कांगो नदी (Congo River)

कांगो नदी (Congo River) अफ्रीका महाद्वीप की दूसरी सबसे लंबी नदी है, जो नील नदी के बाद आती है। यह नदी लगभग 4,700 किलोमीटर लंबी है और जल की मात्रा के हिसाब से यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नदी मानी जाती है। कांगो नदी का जलग्रहण क्षेत्र लगभग 40 लाख वर्ग किलोमीटर है, जो इसे एक विशाल और महत्वपूर्ण नदी बनाता है।
यह नदी मध्य अफ्रीका से बहती है और इसका मार्ग अत्यंत घुमावदार है, इसलिए इसे “लुप्त होती नदी” (River of Mystery) भी कहा जाता है। इस नदी का मुख्य स्रोत जाम्बिया में है और यह अटलांटिक महासागर में जाकर मिलती है।

8. पाराना नदी (Paraná River)

पराना नदी की लंबाई लगभग 4,880 किलोमीटर है, जो इसे अमेज़न नदी के बाद दक्षिण अमेरिका की दूसरी सबसे लंबी नदी बनाती है। इसका उद्गम ब्राजील के दक्षिणी हिस्से में होता है, जहाँ रियो ग्रांडे और परानाइबा नामक नदियाँ मिलकर पराना का निर्माण करती हैं। इसके बाद यह पराग्वे और अर्जेंटीना की सीमाओं से होते हुए दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती है और अंततः रियो डी ला प्लाटा में मिल जाती है, जो अटलांटिक महासागर में जाकर मिलती है.

9. ओब-इरतीश नदी प्रणाली (Ob-Irtysh River System)

ओब-इरतीश नदी प्रणाली में मुख्य रूप से दो नदियां शामिल है पहली ओब नदी और दूसरी इरतीश नदी। ओब नदी रूस के पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र में बहती है। इसकी लंबाई लगभग 3,650 किलोमीटर है और यह आर्कटिक महासागर के कारा सागर में जाकर मिलती है। ओब नदी का उद्गम अल्ताई पर्वत श्रृंखला के पास होता है, जहाँ यह इरतीश नदी के साथ मिलकर अपना प्रवाह शुरू करती है। इरतीश नदी ओब नदी की सबसे लंबी और महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है। इसकी लंबाई 4,248 किलोमीटर है, जो इसे ओब से भी लंबा बनाती है। इरतीश नदी का उद्गम चीन के शिनजियांग प्रांत में अल्ताई पर्वतों से होता है, और फिर यह कजाकिस्तान से होकर बहती है। इसके बाद यह रूस के पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र में ओब नदी से मिल जाती है। इरतीश का प्रवाह तीन देशों—चीन, कजाकिस्तान, और रूस—से होकर गुजरता है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की नदी बनती है।

10. लिना नदी (Lena River)

लीना नदी का उद्गम रूस के बैकाल पर्वतों के पश्चिमी ढलानों से होता है, जो बैकाल झील के पास स्थित है। यह नदी लगभग 4,400 किलोमीटर की लंबाई तय करती हुई उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में स्थित लापतेव सागर में मिल जाती है, जो आर्कटिक महासागर का हिस्सा है।

11. मेकोंग नदी (Mekong River)

मेकोंग नदी का उद्गम तिब्बत के पहाड़ों से होता है, जहाँ इसे ज़ाङचू नदी के नाम से जाना जाता है। यहाँ से यह नदी दक्षिण की ओर बहते हुए 4,350 किलोमीटर की दूरी तय करती है। नदी तिब्बत के बाद चीन के युन्नान प्रांत, म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया, और वियतनाम से होकर गुजरती है। वियतनाम के दक्षिणी हिस्से में यह नदी एक विस्तृत डेल्टा (मेकोंग डेल्टा) बनाकर दक्षिण चीन सागर में मिल जाती है।

12. मैकेंजी नदी। (Mackenzie River)

मैकेंज़ी नदी (Mackenzie River) उत्तरी अमेरिका की एक प्रमुख नदी है, जो कनाडा के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में बहती है। यह नदी कनाडा की सबसे लंबी नदी है, जिसकी लंबाई लगभग 4,241 किलोमीटर (2,635 मील) है, और यह उत्तरी ध्रुवीय महासागर (Arctic Ocean) में गिरती है।
मैकेंज़ी नदी कनाडा के ग्रेट स्लेव झील से शुरू होकर आर्कटिक महासागर तक जाता है। नदी का नाम अलेक्जेंडर मैकेंज़ी के नाम पर रखा गया है, जो 18वीं शताब्दी में इस क्षेत्र के एक खोजकर्ता थे और उन्होंने इस नदी के मार्ग का अनुसरण किया था।

13. नाइजर नदी (Niger River)

नाइजर नदी पश्चिम अफ्रीका की प्रमुख नदी है और अफ्रीका की तीसरी सबसे लंबी नदी है। इसकी कुल लंबाई लगभग 4,180 किलोमीटर (2,600 मील) है. नाइजर नदी का स्रोत गिनी के पहाड़ों में है, जो पश्चिम अफ्रीका में स्थित है। यह नदी गिनी, माली, नाइजर, बेनिन और नाइजीरिया जैसे देशों से होकर गुजरती है। नाइजीरिया में नदी दो मुख्य भागों में बंट जाती है और फिर नाइजर डेल्टा बनाते हुए गिनी की खाड़ी (अटलांटिक महासागर का हिस्सा) में मिल जाती है।

14. ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River)

ब्रह्मपुत्र नदी, एशिया की प्रमुख नदियों में से एक है, जो तिब्बत, भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र नदी की कुल लंबाई लगभग 2,900 किलोमीटर (1,800 मील) है। ब्रह्मपुत्र नदी का स्रोत तिब्बत में हिमालय के पास अंगसी ग्लेशियर से होता है। तिब्बत में इसे यारलुंग त्संगपो के नाम से जाना जाता है। यह नदी तिब्बत से शुरू होकर भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, जहाँ इसे सियांग या दीहांग कहा जाता है। इसके बाद यह असम में ब्रह्मपुत्र के नाम से जानी जाती है और फिर बांग्लादेश में प्रवेश करती है, जहाँ इसे जमुना कहा जाता है। अंत में यह बांग्लादेश में गंगा नदी से मिलकर एक विशाल डेल्टा बनाती है, जिसे सुंदरबन के नाम से जाना जाता है और यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

15. डेन्यूब नदी (Danube River)

डेन्यूब नदी (Danube River) यूरोप की दूसरी सबसे लंबी नदी है, जो लगभग 2,850 किलोमीटर (1,770 मील) लंबी है। यह नदी मध्य और पूर्वी यूरोप के दस देशों से होकर बहती है, जिससे यह यूरोप की सबसे अंतरराष्ट्रीय नदी मानी जाती है। यह जर्मनी के ब्लैक फॉरेस्ट से निकलती है और काला सागर में गिरती है। डेन्यूब नदी का उद्गम जर्मनी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित ब्लैक फॉरेस्ट के डोनाउएशिन्गेन क्षेत्र से होता है, जहाँ दो छोटी नदियाँ, ब्रिगाच और ब्रेग, मिलकर डेन्यूब का निर्माण करती हैं। यह नदी जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया, हंगरी, क्रोएशिया, सर्बिया, रोमानिया, बुल्गारिया, मोल्दोवा और यूक्रेन से होकर बहती है। यह कुल मिलाकर 10 देशों को पार करती है और इसके जलग्रहण क्षेत्र में 19 देश शामिल हैं।

16. वोल्गा नदी (Volga River)

वोल्गा नदी (Volga River) रूस और यूरोप की सबसे लंबी और सबसे बड़ी नदी है। इसकी लंबाई लगभग 3,692 किलोमीटर (2,294 मील) है, और यह केवल रूस में ही बहती है। इसे रूस की “मातृ नदी” भी कहा जाता है। वोल्गा नदी का उद्गम रूस के वल्दाई पहाड़ियों में है, जो मॉस्को के उत्तर-पश्चिम में स्थित हैं। यह नदी कैस्पियन सागर में गिरती है।

17. गंगा नदी (Ganges River)

गंगा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र नदियों में से एक है। इसे “माँ गंगा” के नाम से भी जाना जाता है और यह हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखती है। गंगा नदी भारत और बांग्लादेश के विशाल भू-भाग से होकर बहती है और लगभग 2,525 किलोमीटर (1,569 मील) लंबी है।
गंगा नदी का उद्गम हिमालय की गंगोत्री हिमनद (ग्लेशियर) से होता है। यहां इसे भागीरथी नदी के नाम से जाना जाता है। देवप्रयाग नामक स्थान पर भागीरथी और अलकनंदा नदियाँ मिलकर गंगा का निर्माण करती हैं। जो भारत के कई राज्यों से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है और वहां ब्रह्म पुत्र नदी से मिलकर सुंदरवन का डेल्टा निर्माण करती है और फिर जाकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

18. इंडस नदी (Indus River)

इंडस नदी, जिसे सिंधु नदी भी कहा जाता है, दक्षिण एशिया की एक प्रमुख और ऐतिहासिक नदी है। यह एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है और इसका प्रवाह तिब्बत (वर्तमान चीन) से लेकर पाकिस्तान तक फैला हुआ है। सिंधु नदी लगभग 3,180 किलोमीटर (1,976 मील) लंबी है।
सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के पास कैलाश पर्वत से होता है। यह यहाँ से निकलकर भारत के लद्दाख क्षेत्र से गुजरती है।
यह नदी लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पहाड़ी इलाकों से गुजरती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती है। पाकिस्तान में यह देश की सबसे महत्वपूर्ण नदी है और पंजाब और सिंध प्रांतों से गुजरते हुए अरब सागर में गिरती है।

19. सल्विन नदी (Salween River)

सल्विन नदी (Salween River), जिसे स्थानीय भाषाओं में थानल्विन (Thanlwin) और नु नदी (Nu River) के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण-पूर्व एशिया की एक प्रमुख नदी है। यह नदी चीन, म्यांमार (बर्मा) और थाईलैंड के कुछ हिस्सों से होकर बहती है। सल्विन नदी लगभग 2,815 किलोमीटर (1,749 मील) लंबी है।
सल्विन नदी का उद्गम तिब्बत (चीन) के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है, जहाँ इसे नु नदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी तिब्बत और युन्नान प्रांत से गुजरते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है। सल्विन नदी चीन के बाद म्यांमार में प्रवेश करती है और म्यांमार के पूर्वी क्षेत्रों से होकर गुजरती है। यह नदी म्यांमार और थाईलैंड की सीमा का एक छोटा सा हिस्सा भी बनाती है। अंततः यह नदी म्यांमार के दक्षिणी भाग में अंडमान सागर में मिलती है।

20. उराल नदी (Ural River)

उराल नदी (Ural River) पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया की एक प्रमुख नदी है। यह नदी रूस और कज़ाखस्तान के बीच बहती है और इसे यूरोप और एशिया के बीच की भौगोलिक सीमा के रूप में भी माना जाता है। यह नदी लगभग 2,428 किलोमीटर (1,509 मील) लंबी है। उराल नदी का उद्गम दक्षिण-पश्चिमी रूस के उराल पर्वतों से होता है। उराल नदी दक्षिण दिशा में बहते हुए रूस और कज़ाखस्तान के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह कज़ाखस्तान के पश्चिमी हिस्सों से होती हुई अंत में कैस्पियन सागर में गिरती है।

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